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कभी रंग कभी धूप कभी धूमिल मैदान है,बदलते मौसमों में भी आसमान तो आसमान है || आचार्य प्रशांत (2015)

2019-11-29 4 Dailymotion

वीडियो जानकारी:<br /><br />शब्दयोग सत्संग<br />२० सितम्बर, २०१५<br />अद्वैत बोधस्थल, नॉएडा<br /><br />प्रसंग:<br />मन अनेक चीजों में खोया रहता हैं क्या करूँ?<br />मिटने के डर हमेशा क्यों सताता रहता है?<br />मन अशांत क्यों हो जाता है?<br />मन को कैसे सुलझाएं?<br />सही जीवन कैसे जीएं?<br />मन की उलझन को कैसे मिटाएँ?<br />मनुष्य के मन में उलझन क्यों रहती है?<br />मन की समस्याओं को कैसे दूर करें?<br />मन सच्चाई से डरता क्यों है?<br />अपनी प्रभावशाली छवि कैसे स्थापित करें?<br />छवि बनाना आवश्यक हैं क्या?<br />दूसरे को प्रभाव दिखाना कितना जरुरी हैं?<br /><br />संगीत: मिलिंद दाते

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